थांरौ साथो घणो सुहावै सा…

31.12.13

प्रीत में म्हारी जीत सांवरा

सांवरा
 थैंस्यूं म्हारी प्रीत सांवरा
तूं म्हारौ मनमीत सांवरा
 आव, सुणाव, मुळकतो मीठो
मुरली रौ संगीत  सांवरा
 संसार्'यां रै सींव सांस री
उमर रयी है बीत सांवरा
 प्रीत लेय' पाछी नीं दे'णी
किस्यी नुंवी आ रीत सांवरा
 था'रै-म्हारै मनां बिचाळै
है न हुवैली भींत सांवरा
 सुणी ; निभावै हर जुग में तूं
भगत-वछळता-नीत सांवरा
 करी ; सूर मीरां री, इब कर
प्रीत में म्हारी जीत सांवरा
-राजेन्द्र स्वर्णकार
©copyright by : Rajendra Swarnkar
बरस २०१३ रै छेकड़लै नाकै पर आ रचना म्हारै इण ब्लॉग पर बांचर आपनैं आछो लाग्यो हुवैला
अंगरेज़ी नुंवै साल २०१४
री
बधाई अर मंगळकामनावां 

2 टिप्‍पणियां:

Vandana Ramasingh ने कहा…

बहुत सुन्दर ...राजस्थानी मिठास लिए हुए

Vandana Ramasingh ने कहा…

बहुत सुन्दर ...राजस्थानी मिठास लिए हुए